इधर आज ही सुप्रीम कोर्ट ने भीड़तंत्र को नकारा है; उधर झारखंड में एक नामी समाजसेवी पर खुले आम क़ातिलाना हमला हुआ है. केंद्र-राज्य में सत्ताधारी भाजपा अब किस मुँह से कहेगी कि वो न्यायपालिका व लोकतंत्र का सम्मान करती है. देश को अराजकता के इस दौर से बचाने के लिए सब को आगे आना होगा.